31 मई को अमूल ने बताया कि उसने पिछले साल करीब 12 हजार करोड़ का एक प्रभावशाली कारोबार किया है, जिसमें से दूध सहकारी यूनियनों के किसान सदस्यों को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये दिए गए।
भारतीय सहकारिता डॉट कॉम से बातचीत करते हुए जीसीएमएमएफ अध्यक्ष पार्थी भाई भतोल ने कहा कि कंपनी का कारोबार पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है।
देश के दूध जानकारों का कहना है कि अमूल को व्यापक बनाने के लिए आने वाले दिनों में अलग अलग और नई चीजों के उत्पादन की संभावना है।
गुजरात में पिछले कुछ वर्षों में दूध की कीमतों में वृद्धि से दूध किसान बहुत खुश है।
इसके विपरीत देश में कई जगह किसानों को लाभ नहीं हुआ है।
जीसीएमएमएफ अपने विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अमूल ने अपने डेयरी और अन्य मूल्य वर्धित उत्पादों के लिए वितरकों के एक उल्लेखनीय नेटवर्क खड़ा कर दिया है।
देश भर में वातानुकूलित अमूल पार्लर डेयरी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक है।
भतोल ने कहा कि जीसीएमएमएफ हजार करोड़ निवेश करने के साथ आने वाले वर्षों में ताजा प्रसंस्करण इकाइयों की भी स्थापना करेगा।