गोवा राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष रामचंद्र मुले ने बम्बई उच्च न्यायालय में अपने निष्कासन के खिलाफ चुनौती दी है। गोवा राज्य सहकारी बैंक के कई बोर्ड के सदस्यों ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया है।
श्री मुले का कहना है कि बोर्ड एक निर्वाचित संस्था है और इसलिए यह विघटन के काबिल नहीं है जब तक यह अनियमितता ना करें। नाबार्ड ने हाल ही में बेंक की वित्तीय स्थिति को काफी मुश्किल बताया था और इसलिए मुले को अध्यक्ष बनाए रखना ठीक नही होगा।
सूत्रों का कहना है कि श्री मुले अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ने से इनकार कर रहे है जिसे भ्रष्टाचार और संदिग्ध सौदों की तरफदारी के रूप में देखा जा रहा है।
मुले को राज्य सहकारी बैंक और राष्ट्रीय महासंघ बोर्ड, हटाने के विषय पर विचार कर रहा है।