तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता मुँहफट्ट राजनीतिज्ञ के रुप में जानी जाती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे एक पत्र में उन्होने एनबीएसएस योजना की सख्त आलोचना की है और इसके खतरों को बताया है।
उन्होने तत्काल योजना के परित्याग की बात की है और एमआरपी विधि को वापस लाने के आवश्यक कदम पर बल दिया है।
उनके अनुसार, तमिलनाडु में उर्वरकों की अविश्वसनीय आपूर्ति से राज्य में लाखों किसानों के बुनियादी हित खतरे में है।
उन्होंने कहा है एनबीएसएस नीति के कारण उर्वरकों के आयातक मनमानी ढंग से एमआरपी तय कर सकते है। इसी वजह से उर्वरकों की कीमतों में हाल के दिनों में 247-262 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई हैं।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री का कहना हैं, कि उर्वरक विभाग सब्सिडी में भारी कमी से स्थिति को और भी खराब कर दिया है। राज्य में कृषि अलाभकर बन गया है और किसान कई तरह से पीड़ित हैं।
जयललिता ने मनमोहन सिंह से स्थिति को ठीक करने के लिए हस्तक्षेप का आग्रह किया है।