कर्नाटक के सहकारिता मंत्री बी.जे. पुट्टा स्वामी ने कहा कि अभी भी जनता के सामने सहकारी निकाय की छवि खराब हैं, लेकिन सहकारी बैंक कुछ उपयोगी काम भी कर रहे हैं।
बैंक किसानों को ब्याजमुक्त ऋण मुहैया कर रहे है और राज्य सरकार ने नाबार्ड को इस अंतर का भुगतान करने की पेशकश की है।
सहकारी बैंक आपसी सहयोग और मदद का प्रतीक हैं, वे गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक क्षमता हासिल करने में मदद करने का काम कर सकते है।
हालांकि, मंत्री ने सहकारी की स्थिति को और अधिक बेहतर बनाने के लिए अपना संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से बैंगलोर में सहकारी संस्थाओं पर कांटेदार टिप्पणी की जो कि अत्यधिक बेईमान और अवैध गतिविधियों के लिए सुर्खियों में बने रहते है।
उन्होंने अपने अधिकारियों से सहकारी निकायों की एक सूची तैयार करने को कहा। उन्होंने प्रेस को बताया कि 21 जिला सहकारी बैंकों और कोलार जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्जदारों ने बड़ी संख्या में कर्ज का भुगतान नही किया है।