मुलायम सिंह के भाई शिवपाल सिंह यादव हमेशा गलत कारणों से समाचार में बने रहते है। उत्तर प्रदेश में इंजीनियरों के लिए सीमित चोरी की वकालत करने के बाद उन्होंने इफको और कृभको जैसे सहकारी दिग्गजों पर निशाना साधने की कोशिश की।
सहकारिता मंत्री ने राज्य के लिए निर्धारित की गई उर्वरक की मात्रा की आपूर्ति नहीं करने पर इफको और कृभको को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
मंत्री ने दृढ़ता से कहा कि अगर उर्वरक कंपनियाँ उत्तर प्रदेश में किसानों की मांगों को पूरा नहीं कर सकती तो उनको उत्तर प्रदेश के बाहर के ग्राहकों के लिए उर्वरक ले जाने कि अनुमति नहीं दी जाएगी।
दोनों इफको और कृभको को राज्य के प्रादेशिक सहकारी संघ (पीसीएफ) को अपने उत्पादन का 40 प्रतिशत की आपूर्ति करनी है। पीसीएफ़ वह संगठन है जो जिला स्तर पर सहकारी समितियों को उर्वरक वितरित करता है।
उत्तर प्रदेश को खरीफ फसल के लिए 10.35 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है लेकिन उर्वरक की बड़ी कंपनियों द्वारा आपूर्ति की गई मात्रा काफी कम है।
शिवपाल यादव ने कहा कि अगर किसानों को इस समय उर्वरक की कमी का सामना करना पड़ा तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्र को बता दिया है कि यदि उर्वरक की समय पर आपूर्ति नहीं की गई तो क्या हो सकता है।
यूरिया की लागत 300 रुपये प्रति बोरी है, लेकिन वर्तमान में यह 600 रुपए से अधिक में बेची जा रही है। इस कालाबाजारी से किसानों के बीच नाराजगी है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार सभी किसानों के बीच परेशानी मुक्त उर्वरकों के वितरण करने का फैसला किया है। विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों को किसानों के बीच ज्यादा उर्वरक उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश जारी किए गए है।