भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों पर जोर देकर कहा है कि 15 लाख रुपए के एकल सावधि जमा और अन्य जमा और इसकी परिपक्वताओं के ऊपर ब्याज दरों में कम से कम भिन्नता होनी चाहिए क्योंकि उन पर ब्याज दरों में वर्तमान में व्यापक भिन्नता दिखती है।
बैंकों को जारी एक अधिसूचना में रिजर्व बैंक ने उन से कहा है कि देनदारी के मूल्य निर्धारण पर बोर्ड द्वारा स्वीकृत पारदर्शी नीति होनी चाहिए।
रिजर्व बैंक का कहना है कि सहकारी बैंक जमा पर बेहद अलग दरों का पेशकश करते है चाहे परिपक्वता में लगभग कोई फर्क ना भी हो। इस तरह की बातों से ऐसा लगता है कि उनको पास समुचित नकदी प्रबंधन प्रणाली और मूल्य निर्धारण के तरीके की कमी है, भारतीय रिजर्व बैंक ने संकेत दिए।
बैंकों को अपने अनुसार सावधि जमाओं पर ब्याज की अलग-अलग दरों को देने के लिए अनुमति दी जाती है लेकिन उन्हें जमा राशि पर देय ब्याज दरों की योजना के बारे में जमाकर्ताओं को जानकारी देना चाहिए।