केरल के सहकारिता मंत्री श्री जी सुधाकरन ने सोमवार को कहा कि यूपीए सरकार की नीतियों के कारण सहकारिता क्षेत्र खतरे में है क्योंकि सरकार सहकारी बैंकों के मूल रूप को बदलने के प्रयास में है.केरल सहकारिता कर्मचारी संघ के 24 वें राज्य सम्मेलन के अवसर पर उद्घाटन भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में मजबूत सहकारी आंदोलन उन नीतियों के खिलाफ लड़ेगा जो एक सहकारी बैंक की स्थापना के बुनियादी सिद्धांतों का विरोध करतीं हैं.
उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) राज्य में कृषि क्षेत्र में पूरी तरह से असफल रहा है. श्री सुधाकरन ने कहा कि केन्द्र सरकार के दिशानिदेशों के अनुसार जब सहकारी बैंक किसानों को 7 प्रतिशत की दर पर ऋण दे रहे थे, उस समय नाबार्ड की सब्सिडी का कहीं अता-पता नही था.
श्री सुधाकरन ने घोषणा की कि प्राथमिक सहकारी समितियों और कृषि विकास समितियों के कर्मचारियों का वेतन-पुनरीक्षण 15 फ़रवरी के पहले घोषित किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि सहकारी बैंकों को अपनी संपत्ति को बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए. समारोह की अध्यक्षता श्री वी. कुन्हीकृष्णन – KCEU के अध्यक्ष ने की. एम.एम. मोनय – विधायक और दूसरों ने इस अवसर पर अपने विचार रखे.