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सहकारी शिकायत बोर्ड का शुभारंभ

हर रोज़ एक लाख से भी ज़्यादा लोगों नें इंडियन कोऑपरेटिव डॉट कॉम को देखा जिससे यह साबित होता है कि हर महीने इंडियन को-अपरेटिव को लगभग तीस लाख लोग पढ़ते है। इसलिए हम सहकारी शिकायत बोर्ड शुरू करना चाहते हैं।

सहकारी शिकायत बोर्ड में आप अपने किसी भी सहकारी संस्था से संबंधित शिकायतों को लिख सकते हैं और हम उन्हें बिना संपादित किए प्रकाशित करेंगे।

हम समाधान की गारंटी तो नहीं देते है। लेकिन एक चीज की हम जरुर गारंटी देते है कि जो लोग कोऑपरेटिव क्षेत्र में महत्वपूर्ण है उनका ध्यान आपकी समस्याओं के प्रति खींचने की कोशिश करेंगे।

यही सोचकर हमको सहकारी शिकायत बोर्ड को शुरु करने की जरूरत महसूस हुई।

हमारे कार्यालय में कई ऐसे मेल है जिसमें पाठकों ने कई संगठनों की शिकायतों को लिखा है। उन्होंने यह भी बताया है कि कई बार सहकारी संगठनों के प्रमुख भी गलत काम करते रहते है। हमें काफी कुछ सोचना पड़ा कि उन्हें उपयोग कैसे किया जाय।

हम निराधार आरोप भारतीय सहकारिता की ओर से प्रकाशित होने की अनुमति बिल्कुल नहीं देंगे। लेकिन हम अपने पाठकों की शिकायतों पर ध्यान न देकर उनको निराश नही करेंगे।

शिकायत बोर्ड आपके समस्याओं का जरिया है जिसमें आपके विचार प्रकाशित किये जाएंगे और आप उसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। चूंकि भारतीय सहकारिता संसाधनों की कमी के कारण हर शिकायत की जाँच करने की स्थिति में नही है।

हमारा मानना है मीडिया को लोगों पर केंद्रित होना चाहिए। भारतीय सहकारिता ने सहकारी क्षेत्र को लेकर एक ऐसा मंच खड़ा करने का प्रयास किया है जिसे मीडिया द्वारा उपेक्षित कर दिया गया है। हमें खुशी हैं कि दो साल की छोटी सी अवधि में भारतीय सहकारिता एक महीने में पच्चीस लाख पाठकों को आकर्षित करने में सक्षम हो सका है।

हमें लगता है कि हम बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं बना सकें है, क्योंकि सहकारी क्षेत्र में निहित स्वार्थ काफी गहरे ढंग से पैठ बना चुके हैं। वे परेशान तो हैं, लेकिन उन्होने अभी तक हार नही मानी है। जो देश के बारे में सच है वही सामान्य सहकारी समितियों का भी सच है।

क्रांति अचानक नहीं होती है। पहले बौद्धिक प्रक्रिया शुरु होती है फिर सच जानने की प्रक्रिया, उसका विश्लेषण और परिणाम लोगों के बीच धीरे-धीरे क्रोध पैदा करते है और इस तरह समाज बदलाव के लिए तैयार हो जाता है।

हम एक प्रारंभिक चरण में हैं, हम अब तक सफल रहे हैं, हमें आशा है कि भविष्य में भी ऐसा ही होगा।

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