दिल्ली में विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने 11 आरोपियों को पीतमपुरा रंगमहल सहकारी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के प्रसिद्ध 4000 करोड़ रुपये घोटाले में सजा सुनाई है।
श्री नारायण दिवाकर सहकारी समितियों के पूर्व रजिस्ट्रार और घोटाले के मास्टरमाइंड को सलाखों के पीछे एक वर्ष बिताना होगा।
छह अन्य पदाधिकारियों को भी एक साल की सजा सुनाई गई है।
सीबीआई अदालत ने इस घोटाले में शामिल सभी सात कर्मचारियों पर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इन सभी को आईपीसी और पीसीए के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी पाया गया है।
इसके अतिरिक्त, अदालत ने शहर के 4 निवासियों में से प्रत्येक को तीन साल की सजा सुनाई है।
सूत्रों का कहना है की रंगमहल पहला केस है जिसमें कोर्ट ने सजा सुनाई है, सीबीआई ने 2005 में घोटाले को लेकर कई आरोप पत्र पहले से ही दायर कर रखे थे, सूत्रों ने कहा।
दोषियों ने जाली दस्तावेजों से एक विशाल भूखंड धोखेबाज़ी से रंगमहल सीजीएचएस के लिए डीडीए से आवंटित करवाई थी।