तमिलनाडु के तांबरम शहरी सहकारी बैंक के हाल ही में आयोजित वार्षिक बैठक बेहद विवादास्पद रही है। राज्य में डीएमके, सीपीआई (मार्क्सवादी) और कांग्रेस पार्टी सहित कई विपक्षी दल शहरी सहकारी बैंकों के साथ हो रहे खिलवाड़ करने के लिए सत्तारूढ़ एआईडीएमके तीव्र आलोचना कर रहे है।
उन्होंने शिकायत की है कि 17 हजार सदस्यों वाली समितियों को सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा नष्ट किया जा रहा है।
पूर्व डीएमके विधायक ने आरोप लगाया है कि ताम्बरम शहरी सहकारी बैंक एआईडीएमके के अंतर्गत धीरे धीरे घट रहा है। हाल ही में इसके मुनाफे में 4 करोड़ रुपये की गिरावट आई है, यह चिंता का विषय है।
एक सीपीआई [एम] नेता ने कहा कि जिस तरह से राज्य में सहकारी संस्थाओं के टुकड़े किए जा रहे है, इसके खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। नए सदस्यों को शामिल करने की प्रक्रिया में भी बुनियादी पारदर्शिता का अभाव है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
सत्तारूढ़ पार्टी अपनी ही पार्टी के सदस्यों को सहकारी निकायों में भर रही है। एआईडीएमके चीजों की हेरा-फेरी से राज्य में सभी सहकारी संस्थाएँ नष्ट हो रही है, उन्होंने कहा।
एआईडीएमके मंत्री चिनय्या ने इन सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि सहकारिता विभाग अच्छी तरह से कार्य कर रहा है और यदि कोई शिकायत होती है, तो उसे जल्द ही सुलझा लिया जाता है।