मत्स्य पालन सहकारी महासंघ फिशकॉपफेड ने आर्थिक मंदी के माहौल में करीब 1.10 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 20 लाख रुपए अधिक है।
दिल्ली के सरिता विहार फिशकॉपफेड के कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का आयोजन किया गया। उत्साही प्रबंध निदेशक बी के मिश्रा ने कहा कि हमारा उद्देश्य ऊँचे से ऊँचा मुकाम हासिल करना है।
एजीएम नव निर्मित प्रशिक्षण हॉल में आयोजित किया गया इसे सहयोग की सच्ची भावना से श्रम सहकारी संघ की मदद से बनाया गया है, श्री बी के मिश्रा ने भारतीय सहकारिता को बताया। फिशकॉपफेड के कारोबार में भी 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, श्री मिश्रा ने कहा।
देश के विभिन्न भागों से आने वाले प्रतिनिधियों ने मांग की है कि मछुआरे सबसे गरीब हैं उन्हें बीपीएल योजना के तहत कवर किया जाना चाहिए। वर्तमान में उनमें से 80 प्रतिशत बीपीएल श्रेणी के अंतर्गत आते है।
महाराष्ट्र के मत्स्य पालन सहकारी समितियों ने भी एजीएम में भाग लिया। उन्होने बर्फ संयंत्र और शीतगृह खोलने की मांग की है ताकि वे अपनी उपज की रक्षा करके बाद में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है।
लेकिन प्रमुख मांग वन अधिनियम के तहत हुक से मछली पकड़ने से संबंधित प्रतिनिधियों की थी। इस अधिनियम के अनुसार, मछली एक जंगली जानवर है और जंगल में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे मछली पकड़ने के लिए उपलब्ध क्षेत्र में कमी आई है।
फिशकॉपफेड के अधिकारी ने किसान सदस्यों जिनके पास पानी निकाय है के लिए इफको की मदद से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। फिशकॉपफेड उन्हें मछली पालन करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहा है, एमडी मिश्रा ने भारतीय सहकारिता से कहा।
हम भी आईकेएसएल (इफको किसान संचार लिमिटेड) से मछुआरों के लिए सिम कार्ड वितरण करने मदद की मांग कर रहे हैं। प्रयास अभी से शुरू कर दिए गए है, लेकिन हमें अभी एक लंबा रास्ता तस करना है, श्री मिश्रा ने कहा।