गैर-यूरिया उर्वरक की ऊंची कीमतों में गिरावट होने की संभावना के साथ किसानों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद हैं। कीमतों के उतार-चढ़ाव को लेकर केन्द्रीय सरकार गैर यूरिया उर्वरक पर एमआरपी तय करने पर विचार कर रही है।
परिवहन शुल्क को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक राज्य के लिए कीमतें तय किया जाएगा। गैर यूरिया उर्वरकों पर बढ़ती सब्सिडी और उर्वरक की कीमतों में बड़ी हुई वृद्धि को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में सरकार इस पर विनियंत्रण नीति की समीक्षा करने को लेकर दबाव में है।
सूत्रों का कहना है कि विभाग एक एक विभिन्न उर्वरकों पर सब्सिडी में 25 प्रतिशत की कटौती के लिए उपलब्ध कराने के प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन मंत्रालय के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
मंत्रालय गैर-यूरिया उर्वरकों पर सब्सिडी के लिए एक दीर्घकालिक समाधान के पक्ष में है। इस संदर्भ में विनियंत्रण नीति पर गंभीरता से समीक्षा चल रही है, सूत्रों ने कहा।
परिवर्तित स्थिति में विभाग गैर यूरिया उर्वरक की अधिकतम कीमतें तय करने और उर्वरक कंपनियों को निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर उर्वरक बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नई नीति के अनुसार उर्वरक उत्पादक कंपनियों को 30 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराया जा सकता है। विभाग ने गैर-यूरिया उर्वरकों पर बकाया सब्सिडी का भुगतान करने के लिए बैंकों से 5 हजार करोड़ रुपए ऋण की राशि की व्यवस्था की है।