कृषि पर संसद की एक समिति के अध्यक्ष बासुदेव आचार्य ने एनसीडीसी संशोधन विधेयक पर एक महत्वपूर्ण आलोचनात्मक रिपोर्ट दिया है। समिति ने कहा है कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम सहकारी क्षेत्र को सहारा देने के नाम पर किसी भी गैर-सहकारी संगठनों को धन नही बाँट सकता है।
समिति ने सुझाव दिया है कि एनसीडीसी अधिनियम 1962 को निगम से धन के डाइवर्जन को रोकने के लिए संशोधित किया जाना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो इस प्रयोजन से एनसीडीसी की अस्तित्व पर असर पड़ेगा, अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा।
निगम को कृषि क्षेत्र की जरूरतों के लिए अपना पूरा ध्यान देना चाहिए। यह समाज के कमजोर वर्गों की रक्षा के लिए भी अपने धन का एक हिस्सा खर्च कर सकते हैं। हालांकि, निगम का पैसा किसी भी लाभ संचालित कंपनियों के साथ साझा कभी नहीं किया जा सकता है, पैनल ने कहा।
सूत्रों का कहना है कि पैनल ने कई दिलचस्प और समझदार सुझाव दिए है और सरकार कदाचित उनकी उपेक्षा करने इच्छुक हो सकती है।
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) सहकारी समितियों और सामान्य सहकारी विकास के वित्तपोषण के लिए राज्य सरकारों को ऋण और सब्सिडी देता है।