सहकारिता में महिला सशक्तिकरण पर कुल्लू जिला सहकारी विकास संघ के सहयोग के साथ चंडीगढ़ के सहकारी प्रबंधन के क्षेत्रीय संस्थान के तत्वावधान में कुल्लू के हिमाचल प्रदेश में एक सेमिनार आयोजित किया गया। क्षेत्रीय संस्थान के अध्यक्ष श्री राजिंदर शर्मा ने महत्वपूर्ण भाषण के साथ सेमिनार का उद्घाटन किया।
श्री शर्मा ने सहकारी आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी को बहुत महत्वपूर्ण बताया। 97वें संवैधानिक संशोधन के तहत सहकारी प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी को अनिवार्य बना दिया गया है। उन्होंने बुटिको और दूसरें स्थानीय समितियों का उदाहरण देते हुए कहा कि सहकारिता की बुनियाद में महिलाओं की भागीदारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बुनकर सहकारी महिलाओं पर आधारित “बुटिको” ने कुल्लू ऊनी शॉल, टोपी और अन्य ऊनी उत्पादों के अपने लोकप्रिय ब्रांड के साथ एशिया प्रशांत और यूरोपीय क्षेत्रों में नाम और प्रसिद्धि अर्जित की थी। उन्होंने श्रीमती प्रेमलता जो की राज्य समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी है की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने सहकारी को प्रेरित किया है और इस क्षेत्र में महिलाओं को निर्देशित किया है।
श्री सतप्रकाश ठाकुर, कुल्लू जिला संघ के पूर्व मंत्री और अध्यक्ष ने इस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रतिभागियों को इस आंदोलन में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने और उनकी संस्था की सफलता के लिए प्रबंधन में समान रूप से वे योगदान देती है।
क्षेत्रीय संस्थान संकाय के सदस्य श्री डी.पी.यादव ने तकनीकि सत्र में 97वें संवैधानिक संशोधन पर प्रकाश डाला।
सहकारी समितियों से 150 से अधिक महिलाओं प्रतिभागियों ने इस सेमिनार में भाग लिया। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों और पंचायती राज के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से विचार-विमर्श में भाग लिया।
सहकारी समितियां के सहायक रजिस्ट्रार श्री चेतन सिंह, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्रीमती उर्मिल लता, जनरल मैनेजर उद्योग विभाग श्री रविन्द्र सिंह और कुल्लू जिला विकास संघ के निदेशक बोर्ड ने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अपना योगदान दिया ।