हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि विविधीकरण और सहकारी संस्थाओं के विस्तार की कई योजनाएं राज्य में विचाराधीन हैं।
इन योजनाओं से राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर डेयरी विकास और रोजगार सृजन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सहकारी समितियों को भी फूलों, सब्जियों और चिकित्सीय हर्बल उत्पादों की एक श्रृंखला का उत्पादन और विपणन में शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा सहकारी समितियों का उपयोग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा, उत्पादों के लिए प्रक्रिया और पैकेज के लिए आधुनिक तकनीकी सुविधाओं को प्रदान किया जाएगा, श्री सिंह ने उल्लेख किया। शीर्ष नौकरशाहों और सहकारी समितियों के पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में बैठक में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हजारों सहकारी निकाय कार्यरत हैं और उनके योगदान को कम करके आंका नही जा सकता है। उन्होंने शिमला में सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित एक सरकारी बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
राज्य में प्राथमिक सहकारी संस्थाओं, शहरी सहकारी बैंकों और अन्य सहकारी संगठन अनगिनत गतिविधियों के माध्यम से आम लोगों को अमूल्य सेवाएं दे रहे हैं और उनके लेनदेन में हजारों करोड़ रुपए शामिल है, मुख्यमंत्री ने कहा।