उन्हें सहकारी समितियों का गांधी कहा जा सकता है. बिहार में तपेन्दु शहरी सहकारी बैंक के अध्यक्ष गोपाल गिरि में एक महात्मा की सभी खूबियां हैं. सरल और विनम्र वह व्यक्ति अपनी फौलादी इच्छा शक्ति छुपाते हैं अथवा बिहार की धरती पर एक शहरी सहकारी बैंक की व्यवहार्यता सुनिश्चित करना संभव नहीं था.
पटना में फ्रेज़र रोड पर उनके मामूली कार्यालय में उनसे मिलने के बाद इस संवाददाता ने पाया कि वह बैंक से कुछ नहीं लेते हैं – कोई टीए, डीए, वाहन या फोन के बिल कुछ भी नहीं. मारुति 800 में चलने वाले वह विभिन्न अवसरों पर एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह सहित शीर्ष सहकारी नेताओं को सहयोग की पेशकश करते हैं.
गोपाल गिरि एक ऐसे सहकारी नेता है जिनका स्पेक्ट्रम भर में सम्मान किया जाता है. बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह का मनना है कि गिरि बाबू उनके अपने आदमी हैं. उनके विरोधी अजित सिंह तक भी गिरिजी का उच्च सम्मान करते थे.