अधिक भुग्तान करने के मुद्दे पर एकत्र किसानों की उग्र भीड पर पुलिस ने गत मंगलवार को लाठी चलाई. इससे भगद्ड मच गई.
कहा जा रहा है कि आनंदी बेन सरकार के विरुद्ध कांग्रेस की यह एक साजिस थी. चारो तरफ पुलिस के खिलाफ माहौल बन रहा है.
सोशल मीडिया, बिना समझे कि विरोध अमूल के मुख्यालय जीसीएमएमएफ के खिलाफ नहीं है, ने नरेंद्र मोदी और आनंदी बेन गाली को देना शुरू कर दिया.
कई बडे संपादक अपने अज्ञान पछता रहे हैं और लिखे कि मोदी की विदाई के साथ अमूल बुरे दिनों आ गए है. उनमें से कुछ उस में कांग्रेस के हाथ को देखते हैं.
भारतीयसहकारिता.कॉम ने जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी से बात की जिन्होंने कहा है कि सब अफवाहें हैं और आनंद शांतिपूर्ण है और मामला खेड़ा दुग्ध संघ से संबंधित है.
दिलचस्प है कि कैरा अकेला दुग्ध संघ है जो कांग्रेस द्वारा नियंत्रित किया जाता है. राम सिंग परमार, एक कांग्रेसी नेता, इसके अध्यक्ष है. जीसीएमएमएफ के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी को श्री परमार के साथ विशेष संबंध के कारण नौकरी गंवानी पडी.