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वाणिज्यिक बैंकों के साथ सहकारी बैंकों की प्रतिस्पर्धा

तमिलनाडु सरकार महान आर्थिक परिणाम प्राप्त करने के लिए एक बोली में राज्य में सहकारी और अन्य क्षेत्रों के साथ सामंजस्य कायम करने पर आमादा लगती है. राज्य सरकार 2014-15 के दौरान सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक और निजी बैंकों के समतुल्य लाने की योजना बना रही है.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार सहकारी प्रणाली को ऋण और शाख का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनाएगी. 2013-14 के लिए फसल ऋण के संवितरण का लक्ष्य 4,500 करोड़ रुपये पर निर्धारित किया गया था, लेकिन वास्तविक संवितरण 4716 करोड रुपये का था.

चालू वर्ष के लिए 5000 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. शहरी सहकारी बैंक ने 2013-14 में 6,221.31 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया था जिन्हें अब 8382 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है.

स्व-सहायता समूहों को 2013-14 में 488.5 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था. उन्हें अब 615 करोड़ रुपये तक छूने को निशाना बनाया जा रहा है.

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