दिल्ली के दरियागंज क्षेत्र में स्थित खत्री शहरी सहकारी बैंक की वार्षिक आम बैठक में लोकतंत्र का एक नाटक देखा गया था.
यूसीबी अपना निदेशक मंडल के साथ अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करने वाली. लेकिन पूरी कार्यवाही आधे घंटे में ही सिमट गई जिससे मर्यादा और लोकतंत्र का सवाल भी उठा.
श्री प्रेम राज मेहरा को अगला अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया में जल्दबाजी की गई. मेहरा पिछले 22 वर्षों से निर्वाचित होते रहे हैं. मेहरा ने, हालांकि, एक शब्द भी बोलना ठीक नहीं समझा.
एजीएम की दशा दयनीय थी क्योंकि सदस्यों को गांधी मेमोरियल हॉल में इंतज़ार करवाया जा रहा था और उन्हें संबोधित करने वाला कोई नहीं था कि किसी के साथ के रूप में . रिटर्निंग अधिकारी बी.एल. मीणा अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने की जल्दी में थे.
मीणा के आने में अत्यधिक देरी से बैठक को कई बार स्थगित करना पडा. बाद में, प्रतिनिधि जाने लगे जब उन्होंने देखा कि उनकी परवाह करने वाला कोई भी नहीं था.
निर्देशकों में से एक रागिनी श्याम ने 75वीं वार्षिक आम बैठक के लिए इकट्ठे प्रतिनिधियों को सूचित किया कि चालू वर्ष में खत्री शहरी सहकारी बैंक द्वारा अर्जित शुद्ध लाभ 3 करोड़ रुपये है.
मिस श्याम ने यह भी बताया कि यूसीबी अगले महीने में प्लेटिनम जुबली मनाने के लिए योजना बना रही है.